Type Here to Get Search Results !

mughal kaal itihaas part 2 humayu and shershah suri [ मुग़ल काल इतिहास भाग 2 हुमायु और शेरशाह सूरी [

0

हुमायू

  • बाबर के चार पुत्र थे हुमायू , कामरान , असकारी और हिंदाल ।
  • हुमायू का शाब्दिक अर्थ भाग्यशाली होता है ।
  • 23 साल की उम्र मे हुमायू 1530 मे गद्दी पर बेठा । इससे पहले वह बड़ख्शा का सूबेदार था ।
  • 1534 मे बहादुर शाह ने गुजरात पर हमला किया वहा की रानी कर्मवाती ने हुमायू को मदद के लिए राखी भेजी लेकिन हुमायू समय पर नहीं पहुंचा । कर्मवाती ने जौहर ( अग्नीदाह ) कर लिया ।
  • 1534 मे हुमायू ने गुजरात पर हमला किया । वहा का शासक बहादुर शाह भाग गया । उसका तोपची रूमी खान हुमायू की सेना मे शामिल हो गया । 1536 मे पुर्तगालियों की मदद से बहादुर शाह ने पुनः गुजरात को जीत लिया । इसी दौरान शेरशाह ने बंगाल पर अधिकार कर लिया । पुर्तगालियों ने बहादुर शाह की हत्या कर दी ।
  • 1538 मे हुमायू ने बंगाल पर हमला किया । लेकिन तब तक शेरशाह बंगाल को लूट कर जा चुका था।
  • लूटा हुआ धन शेरशाह ने बिहार के रोहताशगढ़ मे छिपा दिया ओर बंगाल को आग लगा दी ।
  • हुमायू ने बंगाल के जनसाधारण लोगो की मदद की और बंगाल का नाम जन्नताबाद रख दिया ।
  • 1539 मे दिल्ली लौटते समय हुमायू और शेरशाह के मध्य चौसा का युद्ध हुआ ।
  • 1540 मे हुमायू और शेरशाह के मध्य बिलग्राम ( कन्नौज ) का युद्ध हुआ इस युद्ध मे हुमायू बुरी तरह से पराजित हुआ ओर भाग गया । भागते वक़्त नदी पार करने के लिए हुमायू नदी ( गंगा ) मे कूद गया , जेबी वह डूबने लगा तो एक मिश्ती ने उसे बचाया । बाद मे पुनः बादशाह बनने पर हुमायू ने उस मिश्ती को एक दिन के लिए सुल्तान बनाया । उस एक दिन मे उस सुल्तान ने चमड़े के सिक्के जारी किए ।
  • इस तरह से हुमायू ने लगभग 15 साल तक घुम्मकड़ की तरह जीवन काटा । उसने सिंध मे शरण ली इसी दौरान हुमायू ने हिंदाल के आध्यात्मिक गुरु मीर अली अकबर जामी की पुत्री हमीदा बानो बेगम से निकाह किया । बाद मे इसी हमीदा बानो ने अकबर को जनम दिया ।
  • 15 अक्टूबर 1542 मे अमरकोट के राणा वीरसाल के महल मे अकबर का जनम हुआ ।
  • असकरी की पत्नी महामंगा ने अकबर का पालन पोषण किया ।
  • हुमायू अमरकोट पलायन करके ईरान गया ओर वहा के शाह से मदद मांगी लेकिन उसने शर्त राखी सुन्नी से शिया बनने की ।
  • 1545 मे हुमायू ने काबुल और कंधार को दोबारा जीता ।
  • 1555 मे सरहिंद के युद्ध मे शेरशाह को हराकर हुमायू पुनः गद्दी पर बेठा ।
  • 1556 मे मे हुमायू की मृत्यु दीनपनह पुस्तकालय की सीढ़ियो से गिरकर हुमायू की मृत्यु हो गई ।
  • हुमायू की मौत पर इतिहासकार लेनपुल कहता है , “ हुमायू जीवन भर लड़खड़ाता रहा और लड़खड़ाता हुआ ही मर गया “ ।
  • हुमायू की कई कमजोरिया थी । वह अफीम का ज्यादा सेवन करता था । ज्योतिषी मे बहूत ज्यादा विश्वास करता था
  • हुमायू सप्ताह के सात दिन सात रंग के कपड़े पहनता था ।
  • हुमयुनामा की रचना गुल बदन बेगम ने की ।
  • हुमायू का मकबरा दिल्ली मे है ।

शेरशाह सूरी

  • शेरशाह सूरी का जनम पुंजाब के होशियार पुर के बजवाड़ा नामक स्थान पर हुआ था ।
  • इसका बचपन का नाम फरीद खान था ।
  • इसके पापा हसन खा जौनपुर के सासाराम के जमींदार थे ।
  • कहते है की फरीद ने तलवार के एक ही वार से शेर की गर्दन काट दी थी । इसी बहादुरी से प्रसन्न होकर बिहार के अफगान शासक मुहम्मद बहार खाँ लोहारी ने शेरखान की उपाधि दे दी ।
  • चँदेरी के युद्ध मे शेरखान बाबर की तरफ से लड़ा था ।
  • चुनार ( बिहार ) के कीलेदार ताज खाँ की विधवा पत्नी लाड़ मल्लिका से निकाह करके चुनार किला प्राप्त किया
  • 1539 मे हुमायू ओर शेरखान के मध्य चौसा का युद्ध हुआ जिसमे शेरखान जीता ओर शेरखान शेरशाह की उपाधि धारण की ।
  • 1540 मे बिलग्राम के युद्ध मे हुमायू को हराकर दिल्ली पर अपना अधिकार कर लेता है ।
  • शेरशाह ने 1541 मे खिज्र खाँ के विरोध को दबाने के लिए बंगाल का प्रांतीय दर्जा समाप्त कर दिया ओर बंगाल को सरकारो मे विभाजित कर दिया । वहा पर एक राजस्व अधिकारी की नियुक्ति की गई जिसे आमीन ए बांग्ला कहा जाता था । पहला आमीन ए बांग्ला काज़ी फजीलात था ।
  • 1543 मे मालवा रायसेन ( मध्य प्रदेश ) के राजा पूरणमल को हराकर धोखे से उसकी हत्या कर देता है । इसी बीच शेरशाह का बेटा कुतुबशाह आत्महत्या कर लेता है ।
  • 1544 गिरि सामोल का युद्ध – शेरशाह बनाम मालदेव राठौड़ ( जोधपुर ) । इसे जैतारण का युद्ध भी कहा जाता है ।
  • शेरशाह बीकानेर के शासक कल्याण दास ओर मेड़ता के शासक बीरम देव की तरफ से युद्ध लड़ता है।
  • शेरशाह मालदेव के सेनानायक जैता ओर कुंपा के नाम से पत्र फिंकवा देता है । पत्र पड़कर मालदेव सेना सहित वापिस लौट जाता है । जैता ओर कुंपा इस आरोप से आहत होकर शेरशाह से युद्ध करते है और वीरगति को प्राप्त हो जाते है ।
  • फिर भी शेरशाह बड़ी मुश्किल से ही इस युद्ध को जीत पाता है ।
  • इस युद्ध के बारे मे कहा जाता है बोल्यों सूरी राज यूं , गिरि घाट घमसाण । मुट्ठी खातर बाजरी , खो देतो हिंदवाण । । मतलब शेरशाह कहता है की “ मे मुट्ठी भर बाजरे के लिए हिंदुस्तान की बादशाहत खो देता “
  • 1545 का कलिंजर अभियान इसका अंतिम अभियान था उस समय कलिंजर का शासक किरत सिंह था
  • उक्का नामक आग्नेय शस्त्र चलाते हुये शेरशाह की मृत्यु हो गई ।
  • इस्लाम शाह सुर ये शेरशाह सूरी का बेटा था । इसने मानकोट मे किलो की शृंखला बनवाई । जिसमे शेरगढ़ , इसलामगढ़ , मानकोट , रसीदगढ़ , फिरोजगढ़ आदि है ।
  • आदिलशाह सुर ये सल्तनत का एकमात्र नर्तक शासक था । हेमू इसका प्रधानमंत्री था ।
  • हेमू यह रेवाड़ी ( हरियाणा ) की गलियों मे नमक बेचता था ।
  • पद्मावत गृन्थ की रचना करने वाला मालिक मुहम्मद जायसी शेरशाह का दरबारी था ।
  • शेरशाह का मकबरा सासाराम बिहार मे झील के बीच बना हुआ है ।
  • शेरशाह ने ग्रांट ट्रंक सड़क का निर्माण करवाया । इसके अलावा आगरा से बुरहानपुर व लाहौर से मुल्तान के बीच सड़क बनवाई । इन सड़कों के किनारे 1700 सरायों का निर्माण किया गया ।
  • सराय व सड़कों को शेरशाह की धमनीया कहा जाता है ।
  • शेरशाह ने दिल्ली मे पुराना किला का निर्माण करवाया । इसके दो दरवाजे है खूनी दरवाजा ओर लाल दरवाजा । किले के अंदर किले ए कुहनी नामक मस्जिद का निर्माण करवाया ।
  • रोहताशगढ़ मे किले का निर्माण किया । कन्नौज के पास शेरसुर नामक नगर बसाया ।
  • पाटलीपुत्र का नाम बदल कर पटना किया
  • शेरशाह के दरबार मे टोडरमल था जो बाद मे अकबर के नवरतनों मे शामिल हुआ ।
  • इसके दरबार मे अब्बास खान सरवानी थे जिन्होने ‘तोहफा ए शेरशाही’ और ‘तोहफा ए अकबरशाही’ जैसी किताबों की रचना की ।
  • शेरशाह सूरी के समय प्रशासन की सबसे बड़ी इकाई सरकार थी ।
  • भूमि को नापने के लिए सिकंदरी गज का प्रयोग किया ।
  • भू राजस्व 1/3 निर्धारित किया लेकिन मुल्तान से ¼ लिया जाता था ।
  • इसने चाँदी का एक सिक्का चलाया जिसे रुपया कहा गया बाद मे यही रुपया ब्रिटिश प्रणाली का आधार बना । तांबे के सिक्को को दाम कहा जाता था ।
  • शेरशाह ने 23 टकसालों का निर्माण किया । सिक्को मे अपना नाम , पद , और टकसाल का नाम देवनागरी और अरबी दोनों भाषाओ मे लिखा होता था ।
  • इसने वर्तमान राष्ट्रीय राजमार्ग 2 का निर्माण करवाया था

Post a Comment

0 Comments