भारतीय रिजर्व बैंक
RBI एक केन्द्रीय बैंक है । इसकी स्थापना 1934 के RBI एक्ट के तहत 1935 मे हुई ।इस बैंक की स्थापना हिल्टन यंग कमीशन( रॉयल कमीशन ) की सिफ़ारिश से हो पाई है ।
RBI का 1 जनवरी 1949 को राष्ट्रीयकरण कर दिया गया और RBI को भारत का सर्वोच्च बैंक घोषित किया गया ।
RBI का संचालन केन्द्रीय निदेशन मण्डल के द्वारा किया जाता है जिसमे कुल 21 सदस्य होते है
1 – गवर्नर
4 – उप गवर्नर
10 - केंद्र सरकार के मनोनीत सदस्य ( जिनको economics की अच्छी जानकारी होती है )
2 - वित्त मंत्रालय के सदस्य ( वित्त सचिव और एक अन्य अधिकारी )
4 – RBI की 4 मुख्य शाखाओ के मुख्य अधिकारी ( दिल्ली , मुंबई , चेन्नई , कोलकाता )
RBI का मुख्यालय मुंबई मे है और इसकी कुल 22 शाखाए है ।
RBI का वित्त वर्ष 1 जुलाई से 30 जून होता है । ( अन्य बैंको का वित्त वर्ष 1 अप्रैल से 31 मार्च होता है )
RBI के वर्तमान मे गवर्नर श्री ऊर्जित पटेल है । इससे पहले ऊर्जित पटेल उप गवर्नर थे ।
RBI के पहले गवर्नर सर आसबर्न स्मिथ थे ।
स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर C॰ D॰ देशमुख थे ।
भारत मे गवर्नर की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है और इसका कार्यकाल 4 वर्ष का होता है ।
RBI सभी बैंको का बैंक है । यह भारत सरकार का बैंक है । यह भारत सरकार के एजेंट के रूप मे भी काम करता है ।
RBI को अंतिम ऋणदाता और विदेशी मुद्रा का संरक्षक भी कहा गया है ।
बाज़ार मे साख नियंत्रण और मुद्रा पूर्ति का काम RBI ही करता है ।
नोट निर्गमन RBI का मुख्य कार्य है ।
भारतीय नोट कपास के बने होते है । इनमे 96% कपास और 4% लिटमस पेपर होता है ।
RBI नोटों का निर्गमन न्यूनतम आरक्षण प्रणाली पर करता है जिसके तहत RBI के पास 200 करोड़ की प्रतिभूति होना आवश्यक है । इस 200 करोड़ मे से 115 करोड़ का सोना और 85 करोड़ की प्रतिभूति होना जरूरी है ।
भारत मे 2 रुपये और उससे बड़े नोट RBI ही जारी करता है ।
एक रुपये का नोट और सभी सिक्के भारत का वित्त मंत्रालय जारी करता है ।
भारत के सभी नोट असीमित विधि ग्राह मुद्रा है ( यानि की आप जितना चाहो उतना बड़ा लेनेदेन नोटों से कर सकते हो कोई इनको लेने से मना नहीं कर सकता )
भारत के सिक्के सीमित विधि ग्राह मुद्रा है ( ज्यादा मूल्यो का लेनदेन सिक्को के माध्यम से संभव नहीं है इस कारण सिक्को के लेनदेन की अधिकतम सीमा 1000 रूपये तक ही है )
सिक्का अधिनियम 2011 के अनुसार सिक्को से लेनदेन की अधिकतम सीमा 1000 रुपये है । इससे ज्यादा के सिक्के देने पर सामने वाला लेने से मना कर सकता है उसे सिक्के लेने पर मजबूर नहीं किया जा सकता ।
भारत मे सबसे छोटी विधि ग्राह मुद्रा 50 पैसे का सिक्का है । ( 50 पैसे का सिक्का बंद नहीं हुआ है केवल प्रचलन से बाहर हुआ है)
RBI द्वारा जारी सभी नोटों पर गवर्नर के साइन होते है ।
एक रुपए के नोट पर वित्त सचिव के साइन होते है ।
जिस जगह पर सिक्के बनाए जाते है उस जगह को टकसाल ( mint) कहते है । भारत मे कुल चार टकसाल है ( नोएडा , कोलकाता , मुंबई , हैदराबाद )
जिस जगह पर नोट छापे जाते है उस जगह को प्रिंटिग प्रैस कहा जाता है । भारत मे कुल 6 प्रिंटिंग प्रैस है लेकिन केवल चार मे ही नोट छापे जाते है
नासिक - महाराष्ट्र , देवास - मध्य प्रदेश , मैसूर - कर्नाटक , साल्बुनी - पश्चिम बंगाल
इन चारों प्रिंटिग प्रैस मे नोटों की छपाई होती है
लेकिन बाकी दो मे केवल नोट का कागज ही बनता है
हैदराबाद – तेलंगाना , हौशंगाबाद – मध्य प्रदेश
प्रत्येक नोट के दाहिनी और RBI का चिन्ह होता है जिसमे जिसमे खजूर के पेड़ के नीचे एक बाघ को दिखाया गया है ।
नोट पर 17 भाषाओ मे कुल 28 बार नोट का मूल्य लिखा हुआ होता है ।
2000 के नोट पर मंगलयान दिखाया गया है ।
500 के नोट पर लाल किला दिखाया गया है ।
100 के नोट पर हिमालय की नदिया दिखाई गई है ।
50 के नोट पर भारत का संसद भवन दिखाया गया है ।
20 के नोट पर सुंदरवन का डेल्टा बना होता है ।
10 के नोट मे हाथी गैंडा बाघ बना होता है ।
5 के नोट मे ट्रैक्टर से खेत जोतते हुये किसान को दिखाया गया है ।
भारत सरकार ने 15 जुलाई 2010 को रुपये का चिन्ह स्वीकार किया जिसे IIT मुंबई के PG डिजायनर डॉ उदय शर्मा ने बनाया ।
मौद्रिक नीति
बैंक दर --- बैंक दर वह दर होती है जिस दर पर RBI अन्य बैंको को दीर्घकालीन अवधि के लिए ऋण देता है। इस निश्चित दर से RBI अन्य बैंको के द्वारा लिए गए ऋण पर ब्याज वसूलता है ।
रेपों दर -- -RBI जिस दर से अन्य बैंको को अल्पकालीन ऋण देता है वह दर रेपों दर कहलाती है ।
रिवर्स रेपों दर --- कई बार जब बैंको के पास नकदी अधिक हो जाती है तो बैंक कुछ नकदी RBI के पास जमा करा देते है तो RBI इस जमा पर एक निश्चित दर से ब्याज देता यह यही दर रिवर्स रेपों दर कहलाती है ।
रेपों दर और रिवर्स रेपों दर मे ज्यादा से ज्यादा 1% का अंतर हो सकता है इससे ज्यादा नहीं ।
CRR [ Cash Reserve Ratio ] [ नकद आरक्षित अनुपात ] --- RBI की सूची मे अनुसूचित बैंको को अपनी कुल जमा राशि का एक निश्चित भाग RBI के पास रखना होता है इसे CCR कहते है ।
वर्तमान मे CRR की दर 4% है । यह अधिकतम 15% हो सकती है ।
SLR [ Statuary Liquidity Ratio ] सांविधिक तरलता अनुपात --- सभी बैंको को अपनी कुल जमाओ का एक निश्चित भाग अपने पास ही रखना होता है ताकि अचानक नकदी की ज्यादा मांग होने पर उसे बैंक खुद निपट सके । इसे SLR कहते है ।
वर्तमान मे SLR 20.5% है जो की अधिकतम 40% तक हो सकती है ।
OMO [Open Marketing Operation ] खुला बाज़ार नियंत्रण --- इसके अंतर्गत RBI अपनी प्रतिभूतिया खरीद और बेचकर बाज़ार मे मुद्रा को संतुलित करता है । [ जब बाज़ार मे मुद्रा ज्यादा हो जाती है तो RBI प्रतिभूतियों को बेचता है जिससे बाज़ार का पैसा RBI के पास आ जाता है जब बाज़ार मे मुद्रा की कमी आती है तो प्रतिभूतियों को वापिस खरीदता है । ]
साख की राशनिंग --- इसके तहत RBI सभी बैंको के लिए दिशा निर्देश जारी करके व्यक्तियों , व्यवसायों , किसानो आदि के लोन की एक निश्चित दर और सीमा निर्धारित कर देता है ।
मार्जिन आवश्यकता --- इसके तहत RBI यह निर्धारित करता है की जब किसी वस्तु को गिरवी रखकर लोन लिया जाता है तो उस वस्तु के मूल्यो का कितना % राशि लोन के रूप मे देनी है । जब बाज़ार मुद्रा का अभाव होता है तब ज्यादा मूल्य दिया जाता है ताकि बाज़ार मे ज्यादा पैसा आए लेकिन जब बाज़ार मे पहले से ही पैसाज्यादा हो तो कम मूल्य दिया जाता है । इस प्रकार बाज़ार मे मुद्रा को नियंत्रित किया जाता है ।
MSF [ Marginal Shorting Facility ] --- यह सुविधा मई 2011 से की गई है जिसमे कोई भी बैंक अपनी कुल जमाओ का 1% धन RBI से उधार ले सकता है लेकिन केवल एक रात के लिए । न्यूनतम सीमा राशि कम से कम एक करोड़ है जिसे लिए जाने के तुरंत दूसरे दिन वापिस करना होता है । इस पर बैंक ज्यादा दर से ब्याज वसूलता है ।
PLR [Prime Lending Rate ] प्रधान ब्याज दर --- PLR वह दर होती जो RBI के द्वारा निर्धारित की जाती है की कोई भी बैंक इस दर से कम दर पर लोन नहीं देगा ।
अफ्रीका और यूरोप मे इसे बेंचमार्क दर कहते है ।
अनुसूचित बैंक --- जो बैंक RBI की अनुसूची मे शामिल होते है उन्हे अनुसूचित बैंक कहते है । इनको RBI की सभी सुविधाए प्राप्त होती है लेकिन इन सभी बैंको को RBI के सभी कर्त्तव्यों का भी पालन करना पड़ता है ।
1881 मे सीमित देयता के आधार पर देश का पहला वाणिज्यिक बैंक“ बैंक ऑफ अवध ” है ।
1894 पूर्ण देयता के आधार पर पहला बैंक पंजाब नेशनल बैंक है ।
सभी बैंक वित्तीय संस्था होते है । लेकिन सभी वित्तीय संस्थाए बैंक नहीं होती है । क्योकि वित्तीय संस्थाए केवल उधार देती और बैंक उधार देता भी है और जमा भी करता है ।
बैंकों का राष्ट्रीयकरण --- बैंकों का राष्ट्रीयकरण के से मतलब की बैंकों को सरकार के नियंत्रण मे लेना ताकि बैंकों पर लोगो का भरोसा ज्यादा हो और वो ज्यादा बड़ा लेनदेन बैंकों के माध्यम से करते समय असुरक्षित महसूस न करे ।
1969 मे इन्दिरा गांधी के समय 14 बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया । जिनकी कुल जमा राशि 50 करोड़ या इससे अधिक थी ।
15 अप्रैल 1980 को 6 अन्य बैंकों भी राष्ट्रीयकरण किया गया जिनकी कुल जमा पूंजी 200 करोड़ या इससे अधिक थी ।
इस प्रकार भारत मे कुल 20 सार्वजनिक बैंक हो गए ।
4 सितंबर 1993 को न्यू बैंक ऑफ इंडिया का पंजाब नेशनल बैंक मे विलय कर लिया गया । जिससे की सार्वजनिक बैंकों की संख्या 19 रह गई ।
वर्तमान मे कुल 27 सार्वजनिक बैंक कार्यरत है । जिसमे 19 राष्ट्रयकृत बैंक , एक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया , 5 स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के समूह के बैंक , एक IDBI और एक BMB ( भारतीय महिला बैंक )
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया --- “स्टेट बैंक ऑफ कलकत्ता “ जो की 1806 मे स्थापित हुआ था का नाम बदल कर 1809 मे “ बैंक ऑफ बंगाल “ कर दिया ।
बैंक ऑफ बंगाल ( 1809 ) , बैंक ऑफ बोम्बे ( 1840 ) बैंक ऑफ मद्रास ( 1843 ) । इन तीनों बैंकों को मिलाकर 1921 मे एक नया बैंक बनाया गया जिसका नाम रखा गया “ इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया “
RBI के गठन तक इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया ही केन्द्रीय बैंक के रूप मे काम करता था ।
जुलाई 1955 मे पुनः गठित करके इसका नाम स्टेट बैंक ऑफ इंडिया रख दिया गया ।
SBI भारत का सबसे बड़ा सार्वजनिक और वाणिज्यिक बैंक है । इसकी 14000 से भी ज्यादा शाखाए है ।
SBI केन्द्रीय बैंक नहीं है लेकिन जहा पर RBI का ऑफिस नहीं है वह पर ये बैंक केन्द्रीय बैंक के रूप मे काम कर सकता है । इसलिए इसको RBI का छोटा भाई भी कहा गया है ।
SBI के 5 सहायक बैंक है । स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर , स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद , स्टेट बैंक ऑफ मैसूर , स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर ।
पहले सहायक बैंकों की संख्या 7 थी लेकिन 2008 मे स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र और 2010 मे स्टेट बैंक ऑफ इंदौर को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया मे ही मिला लिया गया ।