modern india history importent britis governer genarals ( आधुनिक भारत का इतिहास महत्वपूर्ण गवर्नर जनरल्स )
ONLINE EXAM PREPARATIONMarch 07, 20170
प्रमुख ब्रिटिश गवर्नर
वारेन हेस्टिंग्स 1772 – 1785 è
यह बंगाल का पहला गवर्नर था ।
इसके समय 1773 का रेग्युलेटिंग आवट पारित हुआ । इस एक्ट के तहत भारत मे एक सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की गई । नयायालय 1774 मे स्थापित हुआ । इसमे चार न्यायाधीश थे ।एलीजाह इंपे इसके पहले मुख्य न्यायाधीश थे ।
प्रत्येक जिले मे जिला दीवानी और जिला फ़ौजदारी स्थापित किया ।
1772 मे द्वेध शासन प्रणाली समाप्त कर दी । और सत्ता अपने हाथ में ले ली
1772 मे पाँच वर्षीय ठेका पद्धति अपनाई
1776 मे इसे एकवर्षीय ठेका पद्धति मे बदल दिया गया
विल्किस ने “गीता” का अंग्रेजी मे अनुवाद किया |
इसने कलकत्ता में अरबी-फारसी मदरसे स्थापना की |
इसके समय 1784 मे विलीयम जोन्स ने “एशियाटिक सोसायटी आंफ बंगाल” की स्थापना की जिसका कार्य प्राचीन पांडुलिपियों का अंग्रेजी में अनुवाद करना व संरक्षित रखना था |
बनारस के राजा चैतसिंग से इसका ( हेस्टिंग्स ) विवाद हुआ |
हेस्टिंग्स ने चैतसिंह को हटाकर उसके भतीजे महीपनारायण को राजा बना दिया |
जब हेस्टिंग्स भारत से वापस इंग्लैंड गया तो उस पर महाभियोग चलाया गया । जिसे बाद मे वापिस भी ले लिया गया ।
कार्नवालिस 1786 – 1793
1786 मे पारित एक एक्ट के तहत कार्नवालिस को गवर्नर बनाया गया ।
1791 मे जोनाथन डंकन ने बनारस मे संस्कृत विद्यालय की स्थापना की ।
1790 मे 10 वर्षीय व्यवस्था लागू की गई जिसे 1793 मे स्थायी बंदोबस्त मे बादल दिया गया । जॉन शोर ने इसका प्रारूप तैयार किया था ।
इसने फ़ौजदारी न्यायलीय समाप्त कर दिये ।
रक्त मूल्य लेने पर प्रतिबंध लगा दिया । उसके स्थान पर कठोर कारावास का प्रावधान किया ।
कार्नवालिस को “ इंडियन सिविल सर्विसेज “ का पिता कहा जाता है ।
सर जॉन शोर 1793 – 1798
स्थायी बंदोबस्त का प्रारूप तैयार किया था ।
लॉर्ड वेलेजली 1798 – 1805
इसके समय चतुर्थ आंग्ल मैसूर युद्ध और द्वितीय आंग्ल मराठा युद्ध हुआ ।
इसने भारत मे सहायक संधि की शुरुआत की ( सहायक संधि की शुरुआत इससे पहले फ्रांसीसी गवर्नर डुप्ले भी कर चुका था )
इस संधि के तहत रियासतों के और अंग्रेज़ो के बीच कुछ समझौते होते थे । इसके बदले अंग्रेज़ राजाओ को सुरक्षा की गारंटी देते थे ।
सहायक संधि स्वीकार करने वाली पहली रियासत हैदराबाद थी ।
1800 मे लॉर्ड वेलेजली ने फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापन की जहा पर असैनिक अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाता था । 1802 मे इसे बंद किया गया और 1806 मे हेलबरी मे ईस्ट इंडियन कॉलेज के नाम से दोबारा खोला गया ।
इसके समय पर ही 1801 मे मद्रास प्रेसीडेंसी की स्थापन हुई ।
जार्ज वार्लो 1805 – 1807
इसके समय वेल्लोर ( तमिलनाडु ) मे सैनिक विद्रोह हुआ । इस समय मद्रास का गवर्नर लॉर्ड विलियम बेंटिक था ।
लॉर्ड मिंटो 1807 – 1813
1809 मे अमृतसर की संधि हुई जिसमे अंग्रेज़ो की तरफ से चार्ल्स मेटकाफ ने हिस्सा लिया ।
लॉर्ड हेस्टिंग्स 1813 – 1823
प्रथम आंग्ल नेपाल युद्ध हुआ 1814 – 1816
इस युद्ध मे संगोलि की संधि हुई और गढ़वाल और कुमाऊ नेपाल से छिन लिए गए ।
सिक्किम को अलग राज्य बना दिया गया ।
तृतीय आंग्ल मराठा युद्ध इसी के समय हुआ । इसने पिंडरियों का दमन किया । पिंडरियों के चार प्रमुख नेता थे । चीतु , वासिल मोहम्मद , करीम खान , अमीर खान ।वासिल मोहम्मद को दौलत राव सिंधिया ने अंग्रेज़ो को पकड़वा दिया । उसने जैल मे आत्महत्या कर ली । करीम खान को गोरखपुर के पास छोटी सी जागीर दे दी गई । अमीर खान को टोंक की जागीर दे दी ।
जॉन एडम्स 1823
केवल कुछ समय के लिए गवर्नर बने । समाचार पत्रों पर प्रतिबंध लगा दिये ।
लॉर्ड एमहर्स्ट 1823 – 1828
प्रथम गवर्नर जिसे मुगल बादशाह के बराबर का स्तर मिला ।
इसके समय प्रथम आंग्ल बर्मा युद्ध हुआ । इस युद्ध मे यांदबू की संधि हुई ।
इसके समय ही बैरकपुर छावनी मे सैनिक विद्रोह हुआ ।
लॉर्ड विलियम बेंटिक 1828 – 1835
इसके समय कंपनी का चार्टर एक्ट 1833 पारित हुआ ।
बंगाल के गवर्नर जेनरल को भारत का गवर्नर जेनरल कहा जाने लगा । इस प्रकार विलियम बेंटिक भारत का पहला गवर्नर जेनरल बना ।
धारा 87 के तहत सरकारी नौकरी मे रंग , जाती , नस्ल आदि के आधार पर भेदभाव को खतम किया गया ।
धारा 17 के तहत 1829 मे सती प्रथा पर रोक लगा दी । सती प्रथा पर रोक लगाने मे राजा राम मोहन राय ने बेंटिक का साथ दिया था ।
धर्मसभा के संस्थापक राधाकांत देव ने इस प्रतिबंध का विरोध किया था ।
2 फरवरी 1835 को मैकाले की अनुशंसा पर मैकाले स्मरण पत्र पेश किया गया जिसमे भारतीयो को पाश्चात्य शिक्षा दिया जाने का प्रावधान किया गया । यह शिक्षा केवल उच्च वर्ग को ही दी जाएगी और निचले वर्ग के पास यह रिस रिस कर पहुँच जाएगी । इसे रिसाव सिद्धान्त कहा गया ।
मैकाले की अध्यक्षता मे एक विधि आयोग का भी गठन किया गया ।
बेंटिक ने ठगी प्रथा को भी संप्त किया ।
1835 मे कलकत्ता मे एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना की ।
अँग्रेजी को प्रशासनिक भाषा घोषित किया गया ।
चार्ल्स मेटकाफ 1835 – 36
इसे भारत मे समाचार पत्रों का मुक्तिदाता कहा जाता है ।
इसने अमृतसर की संधि का नेत्रत्व किया ।
लॉर्ड औकलैंड 1836 – 42
इसके समय त्रिपक्षीय संधि 1838 मे हुई ।
प्रथम आंग्ल अफगान युद्ध हुआ । कलकत्ता से दिल्ली तक G॰T॰ रोड़ का निर्माण किया गया ।
लॉर्ड अलनबरो 1842 – 44
इसके समय सिंध का विलय ब्रिटिश साम्राज्य चार्ल्स नेपियर ने किया ।
नेपिय ने कहा “ सिंध का विलय अफगान तूफान की पूंछ थी “
1843 मे दास प्रथा को प्र्तिबंध कर दिया ।
लॉर्ड हार्डिंग 1844 – 48
इसके समय प्रथम आंग्ल सिक्ख युद्ध हुआ । इसने नरबली को प्रतिबंध कर दिया ।
लॉर्ड डलहौजी 1848 – 56
आधुनिक मानचित्र डलहौजी की देंन है ।
द्वितीय आंग्ल सिक्ख युद्ध मे इसने पंजाब का विलय कर लिया ।
सिक्किम के अंदर दो अंग्रेज़ डाक्टरों के साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगा कर सिक्किम पर हमला किया और 1850 मे उसे ब्रिटिश साम्राज्य मे मिला लिया ।
बर्मा का विलय 1852 मे किया गया । दो नौसैनिक अंग्रेज़ अधिकारियों पर जुर्माने के बाद कमोडोर लेंबर्ट के नेत्रत्व मे युद्ध पोत के साथ भेजा गया और बर्मा को भी भारत मे मिला लिया ।
डलहौजी सबसे ज्यादा प्रसिद्ध हुआ अपनी हड़प नीति ( व्यपगत नीति , निषेध नीति ) की वजह से ।
कोर्ट ऑफ डाइएरेक्टर के कहने पर करौली को वापिस दे दिया गया ।
1856 मे अवध का विलय कुशासन का आरोप लगा कर किया गया । उस समय अवध का नवाब वाजिद अली शाह था जो की शतरंज का खिलाड़ी था । डलहौजी ने अवध के लिए कहा था “ यह गिलास फल ( चेरी ) एक दिन जरूर हमारे मुह मे गिरेगा “
अवध को बंगाल आर्मी की नर्सरी कहते है ।
डलहौजी ने 1852 मे तार सेवा प्रारम्भ की । इसे भारत का तार सेवा का जनक माना जाता है ।
1853 मे इसने पहली बार भारत मे रेल की शुरुआत की । पहली रेल मुंबई से ठाणे के बीच 34 किलोमीटर लंबी लाइन पर चलाई गई । इस ट्रेन का नाम ब्लेक ब्यूटी और इंजन का नाम फेयरी क्वीन था ।
1854 मे भारत डाक अधिनियम लाया गया । जिसके तहत 2 पैसे के डाक टिकट से पूरे भारत मे कही पर भी डाक भेजा जा सकता था ।
1854 मे वुड डिस्पैच घोषणा हुई जो की शिक्षा के सुधार से संबन्धित थी । इसे भारतीय शिक्षा का मेग्नाकार्ता कहा जाता है ।
डलहौजी ने एक सार्वजनिक निर्माण विभाग की स्थापना की ।
1854 मे उत्तर प्रदेश मे गंग नहर का निर्माण किया गया । [ राजस्थान की गंग नहर का निर्माण 1927 मे गंगा सिंह ने करवाया था ।
डलहौजी ने सेना का मुख्यालय शिमला और तोपखाने का मुख्यालय कलकता से मेरठ स्थापित किया ।
कुछ रियासतों को डलहौजी के आने पहले भी हड़प लिया गया था । जैसे 1839 मे मांडवी , 1840 मे कोलाबा और जालौर , 1842 मे सूरत आदि ।
लॉर्ड कैनिंग 1856 – 62
1856 मे ईश्वर चंद विध्यासागर के प्रयासो से विधवा विवाह कानून पारित किया गया । 7 दिसंबर 1856 मे पहला कानूनी रूप से विधवा विवाह हुआ ।
1857 मे तीनों प्रेसीडेंसियों मे विश्विध्यालय खोले गए ।
1861 मे तीनों प्रेसीडेंसियों मे हाई कोर्ट खोले गए ।
1861 मे परिषद अधिनियम लागू किया गया जिसमे गवर्नर जेनरल को अध्यादेश जारी करने का अधिकार दिया गआ ।
1859 मे भारत मे पहली बार बजट बनाया गया ।
1861 मे आयकर व्यवस्था लागू की गई । इस व्यवस्था को विल्सन ने लागू किया । 500 रुपये से ज्यादा की आय पर 1% का टैक्स लिया जाता था ।
कैनिंग के समय ही भारत का सबसे बड़ा क्रांतिकारी विद्रोह 1857 का विद्रोह हुआ ।
एल्गिन 1 1862 -63
इसने वहाबी आंदोलन का दमन किया ।
जॉन लारेंस 1864 -69
यह हेनरी लारेंस का भाई था । इसके समय भयंकर अकाल पड़ा । केम्पबेल ने अकाल आयोग का गठन किया
इसके समय समुद्री टेलीग्राफ सेवा प्रारम्भ की गई ।
लॉर्ड मेयो 1869 – 72
1872 मे सबसे पहले जनगणना करवाई ।
अफगान मे सेल्यूलर जैल मे एक पठान ने इसकी हत्या कर दी ।
लॉर्ड नार्थ ब्रूक 1872 – 76
1875 मे अजमेर मे मेयो कॉलेज की स्थापना की ।
इसके समय पंजाब मे कूका आंदोलन रामसिंह कूका और भगत जवाहर ने किया ।
लॉर्ड लिट्टन 1876 – 80
ओवेन मेरिडिथ के नाम से साहित्य लिखता था ।
1878 मे वरनाक्युलर प्रैस एक्ट पारित किया ।इस एक्ट के तहत स्थानीय अखबारो पर आपत्तीजनक कुछ भी लिखने पर रोक लगा दी । इसे गेग्रिंग एक्ट ( मुह बंद करने वाला ) भी कहा गया । इसके खिलाफ कही भी कोई अपील का प्रावधान नहीं था । इसके बारे मे कहा गया “ धुए को रोकने के लिए चिमनी का मुह बंद कर दिया गया ।”
1878 मे भारतीय शस्त्र अधिनियम पारित हुआ जिसके तहत भारतीयो को शस्त्र रखने के लिए लाइसेन्स अनिवार्य कर दिया ।
इसके समय भारतीय प्रशासनिक सेवाओ की अधिकतम उम्र सीमा 21 वर्ष से घटा कर 19 कर दी गई ।
लॉर्ड रिपन 1880 – 84
1881 मे फैक्टरी अधिनियम पारित हुआ जिसका कांग्रेस ने विरोध किया ।
1881 मे पहली नियमित जनगणना हुई ।
1882 मे वरनाक्युलर प्रैस एक्ट को समाप्त कर दिया गया ।
1882 मे शिक्षा सुधारो के लिए हंटर आयोग का गठन किया गया ।
न्यायिक सेवाओ मे भेदभाव को दूर करने के लिए इलबर्ट बिल पेश किया गया । अंग्रेज़ो ने इस बिल का विरोध किया । इसे दूसरा श्वेत विद्रोह कहा गया । रिपन को झुकना पड़ा और बिल वापिस ले लिया ।
लॉर्ड डफरिन 1884 - 88
1885 मे कांग्रेस की स्थापन हुई ।
तृतीय आंग्ल बर्मा युद्ध हुआ ।
लेंस डाउन 1888 – 94
इसके समय पर अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच डूरण्ड रेखा खींची गई ।
इसके समय मणिपुर विद्रोह हुआ ।
एल्गिन द्वितीय 1894 – 99
इसने कहा था - “ भारत को तलवार के बल पर ही जीता गया था और तलवार के बल पर ही इस पर राज करेंगे । ”
इसके समय अकाल पड़ा और लोयल कमीशन का गठन हुआ ।
लॉर्ड कर्ज़न 1899 – 1905
गवर्नर बनने से पहले ये चार बार भारत आ चुका था ।
उच्च पदो पर सीधी भर्ती इसके समय पर से ही स्टार्ट हुई थी ।
इसके समय पर टॉमस रेले की अध्यक्षता मे विश्व विध्यालय मे सुधार के लिए रैले आयोग की स्थापना की । इस आयोग की सिफ़ारिश के आधार पर 1904 मे विश्वविध्यालय अधिनियम पारित किया गया ।
1899 मे भयंकर अकाल पड़ा जिसको छपनिया अकाल कहा गया । एंटनी मेकडोनाल्ड की अध्यक्षता मे एक अकाल आयोग का गठन भी किया गया ।
1904 मे सहकारिता साख अधिनियम पारित किया गया ।
भारत मे रेलवे का सबसे ज्यादा विकास लॉर्ड कर्ज़न के समय ही हुआ । पत्र मुद्रा और टंकण अधिनियम पारित किया गया जिसमे एक पाउंड की कीमत 15 रुपये रखी गई ।
भारतीय पुरातत्व विभाग की स्थापना की ।
किचनर इसके समय का मुख्य सेनापति था ।
इसके समय बंगाल विभाजन 1905 हुआ जिसका लोगो ने जमकर विरोध किया । बंगाल विभाजन का उद्देश्य उभरते हुये राष्ट्रवाद को कुचलना था । इसका दूसरा उद्देश्य हिन्दुओ और मुसलमानो मे फुट डालना था । बंगाल विभाजन को 1911 के दूसरे दिल्ली दरबार मे रद्द किया गया । दिल्ली दरबार जॉर्ज पंचम के आने के उपलक्ष मे किया गया था । इस दरबार मे ही भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली बनाई गई । दिल्ली भारत की राजधानी 1912 मे बनी ।
कर्ज़न के बारे मे कुछ कथन प्रसिद्ध हुये :-
कर्ज़न दूसरा औरंगजेब था ।
भारत का ऐसा दुर्भाग्य है की यहा अकाल , प्लेग और कर्ज़न एक साथ आए ।
कर्ज़न ऐसा ड्राइवर है जो हमेशा अपनी गाड़ी को चमकाता है लेकिन चलता नहीं है , क्यूकी उसे पता ही नहीं है की जाना कहा है ।