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mughal kaal itihaas jahangir ( मुग़ल का इतिहास - जहाँगीर )

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जहाँगीर 1606 – 1627

  • बचपन का नाम सलीम ( अकबर प्यार से शेखू बाबा कहकर पुकारते थे )
  • पहली शादी आमेर की राजकुमारी मानबाई से हुआ जिसका नाम शाह बेग़म रखा । मानबाई से जन्मे पुत्र का नाम खुसरो था
  • मान बाई ने सलीम की शराब की आदत से दुखी होकर आत्महत्या कर ली ( अफीम खाकर )
  • दूसरी शादी जोधपुर के मोटा राजा उदयसिंह की बेटी जोधा बाई ( जगत गोसाई ) के साथ हुआ । इसका बेटा खुर्रम था जो बाद मे शाहजहाँ के नाम से प्रसिद्ध हुआ ।
  • 1606 मे जहाँगीर के शासक बनते ही खुसरो ने विद्रोह कर दिया
  • खुसरो को विद्रोह के लिए मानसिंह ( मामा ) ओर मिर्ज़ा अज़ीज़ कोका ( ससुर ) ने बहकाया
  • विद्रोह को सलीम ने दबा दिया खुसरो को अंधा करके जैल मे डाल दिया गया
  • विद्रोह मे सिक्खो के पांचवे गुरु अर्जुन देव ने खुसरो का साथ दिया था इस कारण जहाँगीर ने उन्हे भी फांसी देकर मार दिया
  • 1621 मे जहाँगीर खुसरो को दक्षिण भारत अभियान मे साथ ले गया और बुरहानपुर मे उसकी हत्या कर दी
  • जहाँगीर ने 12 राजकीय घोषणाय की
  • जहाँगीर ने शराब , अफीम और तंबाकू पर रोक लगा दी
  • इसने यमुना के किनारे पर न्याय की जंजीर लगवाई । प्रजा का कोई भी व्यक्ति इस जंजीर को बाजा सकता था । जंजीर को बजाने वाले को दरबार मे बुलाया जाता था और उसकी समस्या को सुना जाता था ।
  • ईस न्याय की जंजीर मे 66 घंटिया थी ।
  • 1615 मे चित्तौड़ के साथ संधि शाहजहाँ के नेत्रत्व मे हुई
  • 1617 मे अहमद नगर के अभियान पर खुर्रम को भेजा
  • उस समय अहमद नगर पर वज़ीर मलिक अंबर ( गुलाबा अबीसीनियाई हब्शि ) था
  • मलिक अंबर ने अपनी सेना को गुरिल्ला युद्ध पद्धति मे प्रसिक्षित किया था ।
  • इससे पहले इसने अहमदनगर के कई क्षेत्र जो मुग़लो के अधीन थे वापिस छिन लिए थे ।
  • मलिक अंबर ने अधीनता स्वीकार कर ली ।
  • खुर्रम को जहाँगीर ने शाहजहाँ की उपाधि दी ।
  • मलिक अंबर का बेटा फतेह खाँ था जिसे कालांतर मे अहमद नगर वापिस सौप दिया गया ।
  • 1622 मे कंधार मुग़लो के हाथ से निकाल गया और उस पर ईरान के शाह का अधिकार हो गया ।
  • जहाँगीर के समय एक दल प्रसिद्ध हुआ जिसका नाम नूरजहां जुंता कहा गया
  • नूरजहां का असली नाम महरुनिस्सा था ( माँ – अस्मत बेग़म , पिता – मिर्ज़ा गियास बेग )
  • मिर्ज़ा गियास बेग को जहाँगीर ने एतमाउदौला की उपाधि दी
  • एत्माउद्दोला का मकबरा दिल्ली मे है
  • नूरजहां के भाई का नाम आसफ खाँ था
  • नूरजहां की शादी अली कुली बेग से हुई थी जिसे जहाँगीर ने शेरखान की उपाधि दी थी ।
  • बाद जहाँगीर ने शेरखान को मृत्यु दंड दिया ( नूरजहां से शादी करने के लिए )
  • 1611 मे जहाँगीर ने नूरजहां से शादी कर ली और उसे पहले तो नूरमहल और बाद मे नूरजहां की उपाधि दी ।
  • 1611 से 1622 तक मुग़ल प्रशासन पर नूरजहां का पूरा प्रभाव रहा ।
  • नूरजहां ने सिक्को पर अपना नाम लिखवाया ।
  • नूरजहां जहाँगीर के साथ झरोखा दर्शन देती थी ।
  • नूरजहां के गुट के सदस्य – एत्माउद्दौला , अस्मत बेग़म , आसफ खाँ , खुर्रम
  • नूरजहां की माँ अस्मत बेग़म की माँ ने सबसे पहले इत्र की खोज गुलाब का रस निकाल कर की ।
  • नूरजहां ने जहाँगीर के बेटे शहरयार से अपनी बेटी की शादी कर दी
  • 1622 ने खुर्रम ने भी विद्रोह कर दिया लेकिन उसे माफ के दिया गया
  • महावत खान जहाँगीर की सेना मे एक योग्य सेना नायक था । महावत खान जहाँगीर के बेटे परवेज़ के पक्ष मे था ।
  • 1626 मे जब महावत खान ने विद्रोह किया। नूरजहां ने महावत खान से युद्ध किया और हार गई । उसे बंदी बनाकर जैल मे डाल दिया । लेकीन वह साजिश से वहा से भाग निकली ।
  • जहाँगीर के समय केप्टन हाकिन्स 1608 मे भारत आया लेकिन व्यापार की अनुमति प्राप्त नहीं कर सका
  • 1616 मे टॉमस रो भारत अजमेर के दरबार मे आया और जहाँगीर ने व्यापार की अनुमति दे दी ।
  • जहाँगीर का समय चित्रकला का स्वर्णिम काल था जहाँगीर ने तूज़ुक ए जहांगीरी लिखी जिसे मौतमिद खान और मोहम्मद हाफ़दि ने पूरा किया
  • जहाँगीर का मकबरा शाहदरा लाहौर मे है जिसे नूरजहां ने बनवाया था ।

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