mughal kaal itihaas shahjahan ( मुग़ल काल इतिहास शाहजहाँ )
ONLINE EXAM PREPARATIONMarch 05, 20170
शाहजहाँ 1628 - 1658
जहाँगीर की मौत के बाद आसफ खाँ के द्वारा द्वारबख्श को कुछ समय के लिए बादशाह बनाया गया
शाहजहाँ के आने पर द्वारबख्श को मार दिया गया । इसलिए द्वारबख्श को बलि का बकरा कहा जाता है ।
द्वारबखश खुसरो का बेटा था ।
लाहौर मे शहरयार ने खुद को बादशाह घोषित कर दिया लेकिन उसे भी मार दिया गया ।
कहा जाता है की शाहजहाँ ने बादशाह बनते ही सभी मुग़ल पुरुषो की हत्या करवा दी थी ताकि कोई उसके खिलाफ बोल भी न सके ओर न ही कोई विद्रोह कर सके ।
शाहजहा की शादी मुमताज़ से हुई थी । जिसका असली नाम अर्जुमंद बानो बेग़म था । यह आसफ खाँ की बेटी थी ।
1631 मे बुरहानपुर के किले मे इसकी मौत हो गई । वही पर मुमताज़ की कब्र है । बाद मे इसका मकबरा शाहजहाँ के द्वारा आगरा मे बनवाया जिसे ताज महल कहा गया ।
ताज का वास्तुकार अहमद लाहौरी था । उस्ताद ईशा खाँ ताजमहल के मुख्य निर्माणकर्ता थे ।
ताजमहल का निर्माण कार्य 1631 मे शुरू हुआ और 1651 मे पूरा हुआ ।
1631 मे हुगली मे पुर्तगालियों ने विद्रोह कर दिया जिसे दबा दिया ।
1636 मे अहमदनगर को पूरी तरह से मुग़ल साम्राज्य मे मिला लिया गया । शिवाजी के पिताजी शाह जी भौसले ने अहमद नगर को बचाने का प्रयास किया किन्तु असफल रहे ।
1638 मे कंधार पर वापिस मुग़लो का अधिकार हो जाता है जिसे 1648 मे ईरान का शाह फिर से वापिस छिन लेता है
1645 मे शाहजहाँ ने मध्य एशिया का अभियान किया जो पूरी तरह असफल रहा ।
शाहजहाँ के समय फ्रांसीसी गवर्नर बर्नियर ने भारत की 6 बार यात्रा की । बर्नियर फ्रांसीसी डाक्टर था
शाहजहाँ के समय 1631-32 मे भयंकर अकाल पड़ा ।
शाहजहाँनामा अब्दुल हमीद लाहोरी ने लिखी ।
स्थापत्य के लिए शाहजहाँ का काल स्वर्णिम माना जाता है ।
शाहजहाँ ने अकबर के द्वारा चलाये गए इलाहि सवंत को खतम करके हिजरी सवंत को पुनः चालू किया ।
धार्मिक नीति कठोर कर दी और नए मंदिरो के निर्माण पर रोक लगा दी ।
बहादुरपुर का युद्ध उत्तराधिकार के लिए दारा शिकोह और शाह शुजा के बीच लड़ा गया । इस युद्ध मे दारा की तरफ से मिर्ज़ा राजा जय सिंह लड़ा ( मिर्ज़ा की उपाधि शाहजहाँ ने दी ) इस युद्ध मे दारा का बेटा सुलेमान भी था । दारा युद्ध हार जाता है ।
धरमत का युद्ध दारा और औरंगजेब के मध्य लड़ा गया । दारा की सेना का नेत्रत्व मारवाड़ के राजा जसवंत सिंह ने किया । इस युद्ध मे औरंगजेब जीत गया ।
सामूगढ़ का युद्ध औरंगजेब और दारा के बीच हुआ । इस युद्ध मे भी दारा हार गया । आगरा पर औरंगजेब का अधिकार हो गया । औरंगजेब ने अपना राज्याभिषेक करा लिया ।
खाजुआ का युद्ध औरंगजेब और शाहशुजा के बीच हुआ । इस युद्ध मे भी औरंगजेब जीत गया ।
दुराई का युद्ध दारा और औरंगजेब के बीच हुआ । इसमे भी औरंगजेब जीता । यह युद्ध अजमेर ( राजस्थान का जिब्राल्टर ) मे हुआ था । दारा भाग कर बलूचिस्तान चला गया जहा से सुलेमान उसे पकड़ लाया ओर मृत्युदंड दे दिया ।
दारा शाहजहाँ का बेटा था । उसे छोटा अकबर या दूसरा अकबर भी कहा जाता था । उसने 52 उपनिषदों को पड़कर उसका अरबी मे अनुवाद सिर्र ए अकबर के नाम से किया ।
दारा शिकोह का संबंध कादिरी सिलसिले से था । मुल्ला शाह इसके गुरु थे । मुल्ला शाह के गुरु मुहम्मद मीर मियां थे ।