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modern india history in hindi ( आधुनिक भारत का इतिहास अंग्रेज़ पुर्तगाली डच )

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    भारत मे विदेशी यात्रियों का आगमन का क्रम कुछ इस प्रकार है :-

      पुर्तगाली
      डच
      अंग्रेज़
      फ्रांसीसी
      पुर्तगाली
  • 1498 मे वास्को डी गामा नामक पुर्तगाली यात्री ने भारत के समुद्री मार्ग से भारत आया ।
  • वास्को डी गामा के साथ उसका पथ प्रदर्शक अब्दुल लतीफ़ भी था
  • 1487 मे बोर्थों लेम्यू डियाज़ ने cap of good hop ( अफ्रीका के अंतिम तट ) की खोज की ।
  • वास्को डी गामा कालीकट के तट पर उतरा वहा के राजा जमोरिन ने उसका स्वागत किया ।
  • पुर्तगालियों के आने से पहले व्यापार का एकाधिकार अरबों के पास था ।
  • 1502 मे वास्को डी गामा दोबारा भारत आया ।
  • 1503 मे पुर्तगालियों ने पहली व्यापारिक कोठी खोली ।
  • 1505 मे फ्रांसिस्को डी अल्मोड़ा पहला गवर्नर बनकर भारत आया ।
  • 1509 मे अल्फ़ान्सो डी अल्बुकर्क बना । इसको पुर्तगाली सत्ता का वास्तविक संस्थापक माना जाता है ।
  • 1510 मे इसने बीजापुर से गोवा को जीत लिया । इसमे इसकी मदद कृष्ण देवराय ने की थी ।
  • 1530 तक गोवा इनका प्रमुख केंद्र बना रहा ।
  • पुर्तगाली स्वयं को समुद्र का स्वामी कहते थे ।
  • भारत मे प्रिंटिंग प्रैस का जन्मदाता पुर्तगालियों को ही माना जाता है ।
  • भारत मे मक्का और तंबाकू भी पुर्तगाली ही लेकर आए जिसे बाद मे शाहजहाँ ने बंद किया था ।
  • इन्होने कार्टज़ , आर्मेड़ा , काफिला प्रणालिया चलाई थी । बादशाह अकबर ने कार्टज़ को अपनाया था ।
  • भारत पर इनकी स्थायी सत्ता स्थापित नहीं हो पाई क्यूकी इन्होने दक्षिण अमेरिका पर ज्यादा ध्यान दिया । डच
    • डच हौलेण्ड के लोगो को कहा जाता है ।
    • कार्नेलियन हाऊट्मेन पहला डच था जो भारत आया । 1596 मे ।
    • 1602 मे डच ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना हुई ।
    • चिनसुरा ( बंगाल ) इनका मुख्य केंद्र था ।
    • 1759 मे वेदरा का युद्ध डचो और अंग्रेज़ो के बीच लड़ा गया । अँग्रेजी सेना का नेत्रत्व लॉर्ड क्लाइव ने किया ।
    • इस युद्ध मे डच हार गए और भारत मे इनका प्रभाव खतम सा हो गया ।
    अंग्रेज़
    • पहला अंग्रेज़ यात्री मिल्डन हाल था ।
    • 1600 मे ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना हुई । उस समय वहा पर एलीज़ाबेथ 1 थी ।
    • ईस्ट इंडिया कंपनी एक निजी व्यापारिक कंपनी थी जिसमे 27 अंशधारक ( share holder ) थे ।
    • इस कंपनी को 15 साल के लिए पूर्वी देशो के साथ व्यापार की अनुमति लेने आया था ।
    • 1608 मे हाकिन्स पहला अंग्रेज़ था जो जहाँगीर के दरबार मे आया । यह व्यापारिक अधिकार प्राप्त करने मे सफल हुआ । यह इंगलेंड के राजा जेम्स 1 का पत्र लेकर भारत आया था । जहाँगीर ने इसे 400 का मनसबदार बनाया । हाकिन्स को अरबी भाषा भी अति थी लेकिन फिर भी वह व्यापार की अनुमति प्राप्त नहीं कर सका ।
    • अंग्रेज़ो ने पहली व्यापारिक कोठी 1611 मे सूरत मे खोली ।
    • पूर्वी तट पर दूसरी व्यापारिक कोठी 1611 मे मसुलीपट्टनम मे खोली ।
    • 1616 मे टामस रो भारत आया जो व्यापारिक रियायते प्राप्त करने मे सफल हुआ ।
    • व्यापार की अनुमति शाहजहाँ ने डी थी जहाँगीर ने उसे मंजूरी दे दी ।
    • 1632 मे अंग्रेज़ो को गोलकुंडा के सुल्तान से सुनहरा फरमान मिला ।
    • 1639 मे फ्रांसिस डे ने मद्रास ( चेन्नई ) की स्थापना की । यहा पर फोर्ट सेंट जॉर्ज का निर्माण किया गया ।
    • 1651 मे हुगली के किनारे ब्रिजमेन ने कोठी खोली ।
    • 1661 मे इंगलेंड के राजकुमार प्रिंस चार्ल्स की शादी पुर्तगाली राजकुमारी केथरीन ब्रिंगेजा के साथ हुई जिसमे मुंबई को दहेज मे दे दिया । 1668 मे राजकुमार ने मुंबई को 10 पाउंड सालाना मे अंग्रेज़ो को किराए पर दे दी जिसमे वे मुक्त व्यापार कर सकते थे ।
    • 1698 मे कोलकाता , गोविंदपुर और सुलतानी अंग्रेज़ो ने खरीद लिए ।
    • इन तीनों को मिला कर कोलकाता शहर बनाया गया । इसकी नीव जॉब चोरनोक ने रखी । यहा पर फोर्ट विलियम किले का निर्माण किया गया । यहा का पहला गवर्नर चार्ल्स आयर था ।
    • 1717 मे हेमिल्टन नाम का एक डाक्टर भारत आया । इसने फरुख्शियर की लाइलाज बीमारी का इलाज कर दिया । इससे खुश होकर फरुख्शियर ने बहूत सारी रियायते अंग्रेज़ो को दे दी । अंग्रेज़ 3000 रुपए सालाना देकर बंगाल मे टैक्स रहित व्यापार कर सकते है ।कलकत्ता के आसपास के गाँव खरीदने के अधिकार दे दिये ।10000 रुपए सालाना मे सूरत मे मुक्त व्यापार की अनुमति दे दी ।बाम्बे मे टकसाल लगाने की अनुमति भी दे दी ।
    • ब्रिटिश इतिहासकार इस छूट को ईस्ट इंडिया कंपनी का मेग्नाकार्टा कहा है ।
    • भारत मे इसे दस्तक प्रणाली कहा गया । यही से अंग्रेज़ो को प्रभाव ज्यादा बढ़ गया ।
    फ्रांसीसी
    • फ्रांसीसी ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना 1664 मे हुई । उस समय वहा का राजा लुई 14 था ।
    • 1668 मे पहली बार सूरत मे व्यापारिक कोठी की स्थापन की ।
    • 1673 मे दूसरी बार पांडिचेरी मे व्यापारिक कोठी खोली । यहा पर फोर्ट लुई किले का निर्माण किया गया ।
    • पांडिचेरी की स्थापना फ्रेंक कैरो ने की थी ।
    • 1693 मे बंगाल मे चंद्रनगर बस्ती की स्थापन की गई ।
    • भारत पर अधिकार करने के लिए अंग्रेज़ो और फ़्रांसीसियों के बीच तीन युद्ध हुये । ये सारे युद्ध कर्नाटक मे हुये इसलिए इनको कर्नाटक के युद्ध कहते है । उस समय कर्नाटक तमिलनाडू की रियासत थी ।
    • 1746 मे प्रथम युद्ध – इसमे फ्रांसीसी गवर्नर डुप्ले था । इस युद्ध के समय कर्नाटक की राजधानी अरकाट थी । यहा का राजा अनवरुद्दीन था । मारिशस से ला बुर्दने डुप्ले की मदद के लिए आया था । यह युद्ध आस्ट्रिया के उतराधिकार पर यूरोप से स्टार्ट हुआ था । ला बुर्दने अंग्रेज़ो से संधि करके वापिस चला गया ।
    • सेंट टामे का युद्ध 1748 – यह युद्ध अनवरुद्दीन और फ्रांसीसी के बीच लड़ा गया । सेंट टामे फ्रसीसियों का केंद्र था । फ़्रांसीसियों का प्रतिनिधित्व पेरडाइज़ ने किया । अनवरुद्दीन का नेत्रत्व महफूज खान ने किया था । फ्रसीसी सेना की 1000 मे से मात्र 300 फ्रांसीसी थे । अंग्रेज़ इस युद्ध को जीत गए । एक्स ला शापेल की संधि के साथ ये युद्ध समाप्त हो गया ।
    • 1749 – 1754 दूसरा कर्नाटक युद्ध – डुप्ले कर्नाटक मे चंदा साहब और हैदराबाद मे मुजफ्फर जंग की मदद करता था । अंग्रेज़ अनवरुद्दीन की मदद करते थे । इसी बात पर युद्ध प्रारम्भ हो गया । फ़्रांसीसियों ने संधि कर ली । डुप्ले को वापिस बुला लिया गया और उसके स्थान पर गोहेडु को भेजा गया ।
    • 1757 – 1760 तृत्तीय युद्ध – यूरोप के सप्तवर्ष टुध के कारण ये युद्ध स्टार्ट हुआ । सप्तवर्षी युद्ध 1756 से 1763 तक चला । सप्तवार्षीय युद्ध कनाडा पर अधिकार को लेकर अंग्रेज़ो और फ़्रांसीसियों के बीच हुआ । अंगरेजो का नेत्रत्व आयरकूट ने किया जबकि फ्रसीसियों का नेत्रत्व बुसी व लाली ने किया । अँग्रेजी सेना की जीत हुई और फ़्रांसीसियों का प्रभाव भारत मे खतम हो गया ।

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