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saltanat kaal itihas ( सल्तनत काल इतिहास )

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अरब आक्रमण { मुहम्मद बिन कासिम }

  • भारत पर पहला मुस्लिम आक्रमणकारी मुहम्मद बिन कासिम था । जिसने 712 मे सिंध मुल्तान पर हमला किया उस समय सिंध पर राजा दाहिर का शासन था ।
  • कासिम और दाहिर के मध्य रावर का युद्ध हुआ जिसमे दाहिर मारा गया और सिंध पर कासिम का अधिकार हो गया ।
  • आक्रमण के समय बोद्ध भिक्षुओ ने कासिम का साथ दिया था क्यूकी उनको दाहिर का संरक्षण प्राप्त नहीं था ।
  • मुहम्मद बिन कासिम ने भारत मे सबसे पहले जज़िया कर लगाया ।
  • कासिम के वापिस लौटने पर उसे मृत्यु दंड दे दिया गया ।
  • दाहिर के पिता का नाम चच था । चचनामा मे सिंध का इतिहास है । यह अरबी भाषा मे लिखी गई है । तुर्क आक्रमण{ महमूद गजनबी }
  • 1000 ई मे काबुल पर महमूद गजनबी ने आक्रमण किया जिसने राजा जयपाल ( हिन्दू शाही वंश ) हार गया और उसने आत्मदाह कर लिया ।
  • 1004 मे मुल्तान पर , 1009 मे नारायणपुर ( अलवर ) , 1014 मे थानेश्वर ( हरियाणा ) को गजनबी ने जीत लिया ।
  • 1016 मे कश्मीर पर हमला लिया लेकिन गजनबी का ये एकमात्र आक्रमण था जिसमे गजनबी सफल नहीं हो पाया ।
  • 1018-19 मे गजनबी ने मथुरा और कन्नौज ( उत्तर प्रदेश ) पर भी अपना अधिकार कर लिया ।
  • 1019-23 मे कालिंजर को जीता ।
  • 1025 मे सोमनाथ ( गुजरात ) पर हमला किया जो गजनबी का सबसे सफल आक्रमण था । गुजरात के शासक भीम देव प्रथम गजनबी को रोकने मे असफल रहा । (मोढेरा का सूर्य मंदिर गुजरात मे ही है)
  • गजनबी का आखिरी युद्ध जाटों के विरुद्ध था ।
  • महमूद गजनबी ने बुतशिक्कन ( मूर्ति भंजक ) की उपाधि धारण की ।
  • भारतीय अभियानो को इसने जिहाद ( धर्मयुद्ध ) कहा ।
  • इसका भारत आक्रमण का एकमात्र उद्धेश्य धन प्राप्ति था ।
  • इसके दरबार मे कई विद्वान थे जैसे अल बरूनी , फिरदौसी , उतबी , बैहाकी आदि ।
  • अलबरूनी ख्वारिज़्म का रहने वाला था । यहा गजनबी का मुख्य दरबारी था ।
  • गजनबी के साथ भारत आया ।
  • इसने “ तहक़ीक़ ए हिन्द “ किताब लिखी , जो अरबी भाषा मे है ।
  • अलबरूनी ने पतंजलि के महाभाष्य का अरबी अनुवाद किया ।
  • फिरदौसी ने “ शाहनामा “ पुस्तक लिखी ।
  • उतबी ने “ किताब उल यामिनी “ लिखी ।
  • बैहाकी ने “ तारीख ए सुबुक्तगीन “ लिखी ।
  • बैहाकी को पूर्व का पेप्स भी कहा जाता है । पेप्स यूनान का महान लेखक है ।
  • दो हिन्दू नायक तिलक और सेवंदराय भी गजनबी के दरबार मे थे । मुहम्मद गौरी
  • पूरा नाम मुईजुद्दीन मुहम्मद गौरी । गौरी गजनी का शासक था ।
  • भारत पर पहला आक्रमण 1175 मे मुल्तान पर किया ।
  • दूसरा आक्रमण 1178 मे गुजरात पर किया । जहाँ के शासक भीम द्वितीय ने उसे बुरी तरह पराजित किया ।
  • तराइन का पहला युद्ध गौरी और पृथ्वी राज चौहान 3 के बीच 1191 मे लड़ा गया । इसमे गौरी हार गया।
  • 1912 मे गौरी और पृथ्वी राज के बीच तराइन का दूसरा युद्ध हुआ जिसमे गौरी की विजय हुई । पृथ्वी राज मारा गया और काबुल मे दफनाया गया ।
  • पृथ्वी राज 3 दिल्ली का अंतिम हिन्दू सम्राट था । इनका उपनाम “ राय पिथौरा “ था । जनम – 1166 । पिता का नाम – सोमेश्वर चौहान । माता का नाम – कर्पूरी देवी ।इसकी पत्नी का नाम संयोगिता था जो कन्नौज के राजा जयचंद की बेटी थी । पुत्र का नाम – गोविन्दराज ।
  • महोबा का युद्ध पृथ्वी राज और परमारदी देव चंदेल के बीच मे लड़ा गया । जिसमे चंदेल के सेनापति आल्हा उदल वीर गति को प्राप्त हुये ।
  • क्यूकी पृथ्वी राज जयचंद की बेटी को स्वयं वर से भगा कर ले गया था इस वजह से जयचंद उससे बदला लेने के लिए गौरी को बुलाता है ।
  • पृथ्वी राज के दरबार मे दो प्रमुख कवि जयनक और चंदरबरदाई थे । चंदरबरदाई ने “ पृथ्वीराजरासौ “ और जयनक ने “ पृथ्वीराजविजय “ लिखी । चंदरबरदाई पृथ्वी राज का मित्र और चारण कवि था ।
  • गौरी वापस जाते समय चौहान के पुत्र गोविन्दराज को चंदावर का राजा बना जाता है । गौरी के जाने के बाद जयचंद गोविन्दराज पर हमला करता है जिसमे गोविन्दराज की तरफ से खुद गौरी युद्ध लड़ता है । इसे चंदावर के युद्ध ( 1194 ) के नाम से जाना जाता है । इसमे जयचंद हार जाता है ।
  • तराइन का तीसरा युद्ध 1216 मे इल्तुतमीश और ताजुद्दीन यल्दौज ( गौरी का गुलाम ) के बीच हुआ ।
  • गौरी के तीन ग़ुलाम थे जिनको वह भारत पर राज करने के लिए छोड़ गया ( कुतुबुद्दीन ऐबक , ताजुद्दीन यल्दोज , कूबाचा ) ।
  • दिल्ली का शासन वह ऐबक के हाथो मे दे जाता है ।
  • 1206 मे गौरी की मौत हो जाती है । और गौरी की मौत के बाद भारत का पूरा शासन उसके गुलाम चलते है और इसी ग़ुलाम के शासन ने भारत मे सल्तनत का प्रारम्भ किया और ग़ुलाम होने की वजह से ये वंश कहलाया गुलाम वंश

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