saltanat kaal itihas khilji vansh (khilji dynesty) in hindi ( सल्तनत काल इतिहास खिलजी वंश )
ONLINE EXAM PREPARATIONMarch 05, 20170
खिलजी वंश 1290 – 1320
जलालुद्दीन खिलजी
1290 मे क्यूमर्श की हत्या करके जलालुद्दीन खिलजी ने खिलजी वंश की स्थापना की ।
इसने किलोखरी को अपनी राजधानी बनाया ।
1291 मे इसने रणथंभोर ( सवाई माधोपुर ) पर घेरा डाला लेकिन विजित नहीं कर पाया उस समय रणथंभोर का राजा हम्मीर था ।
जब जलालुद्दीन खिलजी उस दुर्ग को जीत नहीं पाया तो बोला “ ऐसे 10 दुर्गो को मे मुसलमान की दाड़ी के एक बाल के बराबर भी नहीं मानता “ और वापिस चला जाता है ।
इसने सूफी संत सिद्धि मौला की हत्या कारवाई थी ।
इसके समय मंगोल ने अब्दुल्ला के नेत्रत्व मे आक्रमण किया । मंगोल पराजित हुये । लेकिन कुछ मंगोल दिल्ली मे ही बस गए और इन्होने मंगोलपुरी बसाई ।
इसने व्यय की देखरेख के लिए एक नए विभाग दीवान ए वकूफ की स्थापना की ।
इसने अपनी बेटी की शादी एक मंगोल नेता से कर दी ।
अलाउद्दीन खिलजी1296 – 1316
अलाउद्दीन का बचपन का नाम अली और गुरशास्प था ।
यह जलालुद्दीन का भतीजा और दामाद था ।
इसे कड़ा और माणिकपुर ( इलाहाबाद ) का गवर्नर नियुक्त किया गया ।
अलाउद्दीन खिलजी ने जलालुद्दीन खिलजी की हत्या कर दी ।
अलाउद्दीन ने चित्तौड़ को विजय कर उसका नाम खिज्राबाद रखा ।
1298 मे अलाउद्दीन ने गुजरात को जीता । यहा से मलिक काफ़ूर नामक का एक योद्धा मिला जो वास्तव मे एक हिजड़ा था । मलिक काफ़ूर ने पूरा दक्षिण भारत जीतने मे अलाउद्दीन की मदद की ।
1299 मे जैसलमर को जीता ।
1301 मे अलाउद्दीन ने रणथंभोर पीआर हमला किया उस समय रणथंभोर पर हम्मीर का शासन था । दरअसल अलाउद्दीन की पत्नी चिमना बेगम उसके सेनापति मुहम्मद शाह के साथ भाग गई और राजा हम्मीर की शरण मे चले गए । अलाउद्दीन के कहने पर भी हम्मीर ने उन्हे अलाउद्दीन के हवाले नहीं किया तो उसने चड़ाई कर दी । अलाउद्दीन युद्ध जीत जाता है जिसमे हम्मीर मारा जाता है और उसकी पत्नी रंगदेवी जल जौहर ( पानी मे कूदकर अत्महत्या कर लेना ) कर लिया ।
1303 मे अलाउद्दीन ने चित्तौड़ को जीता । उस समय वहा का शासक रतन सिंह था । चित्तौड़ पर आक्रमण का मुख्य कारण रतन सिंह की पत्नी पद्मावती थी । कहा जाता है की पद्मावती इतनी सुंदर थी उसके आईने के सामने आते ही आईना टूट जाता था । पद्मावती सिंघल द्वीप ( श्री लंका ) के राजा गंधर्व सेन की बेटी थी ।पद्मावती को पाने के लालच मे अलाउद्दीन ने चित्तौड़ को जीता । रतन सिंह मारा गया और रानी पद्मावती ने 1600 रानियो के साथ अग्नि जौहर कर लिया ।
चित्तौड़ को जीत कर इसका नाम खिज्राबाद रख दिया । यहा का गवर्नर अलाउद्दीन ने अपने बेटे खिज्र खान को बनाया ।
1305 मे मालवा को जीता । 1308 मे सिवाना दुर्ग ( बाड़मेर ) को जीत लिया ।
1311 मे जालौर को पर भी हमला किया । जालौर मे कान्हड़ देव का शासन था । कान्हड़ देव के बेटे का नाम बिरम देव था । अलाउद्दीन की बेटी फिरोजा बिरम देव से प्यार करती थी । लेकिन बिरम देव शादी से इंकार कर देता है इसी कारण अलाउद्दीन जालौर पर आक्रमण करता है ।
दक्षिण भारत के अभियान –
1308 मे देवगिरि – राजा रामचन्द्र ( यादव वंश )
1309 मे वारंगल – प्रताप रुद्र देव ( काकतीय वंश )
1310 मे द्वारसमुद्र – वीर वल्लाल 3 ( होयसेल वंश )
1311 मे मदुरै – वीर पाण्डेय , सुंदर पाण्डेय ( पाण्डेय वंश )
अलाउद्दीन खिलजी ने सिकंदर सानी ( सिकंदर के जैसा ) की उपाधि धरण की । क्यूकी सिकंदर की तरह पूरे विश्व को जीतना भी इसका सपना था ।
अलाउद्दीन खिलजी के दक्षिण भारत के अभियानो मे सबसे ज्यादा भूमिका मलिक काफ़ूर ने निभाई ।
मलिक काफ़ूर एक किन्नर था जिसे अलाउद्दीन ने गुजरात नुसरत खान से भरूच नगर से खरीदा था । इसको एक हज़ार दीनार मे खरीदा था इस कारण इसको हज़ार दिनारी भी कहते थे ।
पांडेय राज्य एकमात्र था जिसने खिलजी की अधीनता स्वीकार नहीं की । लेकिन सबसे ज्यादा धन भी पाण्डेय राज्य से ही प्राप्त हुआ ।
अलाउद्दीन के समय सबसे ज्यादा मंगोल आक्रमण हुये ।
अलाउद्दीन खिलजी के 4 विश्वनीय खान थे । नुसरत खान , जफर खान , अलप खान , उलगु खान ।
नुसरत खान रणथंभोर मे मारा गया ।
अलाउद्दीन के सुधार कार्य –
इसने बाज़ार के तीन हिस्से कर दिये - सराय ए अदल , मंडी, घोड़ो दासों और पशुओ का बाज़ार
इसने कम तोलने वाले के लिए कठोर सज़ा का प्रावधान किया । जो जितना कम तोलता उसके शरीर से उतने ही वजन का मांस का टुकड़ा निकाल लिया जाता ।
इसने तीन नए विभाग की बी स्थापना की – दीवान ए रियासत , शहना ए मंडी , परवाना नवीस ।
इसने भूमि अनुदान बंद कर दिया ।
घरी ( गृह कर ) और चरी ( चराई कर ) लगाए ।
जमींदारो से वसूली के लिए दीवान ए मुस्तकराय नामक नए विभाग की स्थापना की ।
घोड़ो को दागने और सैनिको का हुलिया लिखने की प्रथा प्रारम्भ की ।
लूट ( खुम्स ) मे सैनिको का हिस्सा 80% से घटाकर 20% कर दिया ।
डाक व्यवस्था प्रारम्भ की ।
अलाउद्दीन खिलजी का एक अन्य बेटा मुबारक खिलजी जो जैल मे था की हत्या करने के लिए मलिक काफूर ने सैनिको को भेजा लेकिन मुबारक खिलजी ने सैनिको को खरीद लिया और मलिक काफ़ूर की ही हत्या करवा दी ।
मुबारक खिलजी 1316 – 1320
यह विलासी और अश्लील प्रकार का व्यक्ति था । इसे नग्न स्त्री और पुरुष की संगत पसंद थी । कई बार ये खुद नग्न होकर दरबार मे आ जाता था ।
सल्तनत काल का पहला शासक जिसने खलीफा की मान्यता को ठुकरा दिया और खुद ही खलीफा घोषित कर दिया ।
खुशरफ शाह 1320
मात्र 4 महीने के लिए शासक बना । मूल रूप से हिन्दू था । मुस्लिम धर्म स्वीकार किया था ।
गाजी मलिक ने इसकी हत्या करके तुगलक वंश की स्थापना की ।